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मंत्री जमा खान ने नीतीश कुमार के बारे में क्या कहा, और क्यों तेजस्वी ने सुनाते नीतीश को तीखी बात

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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमा खान की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विभागीय समीक्षात्मक बैठक हुई। जिला परिषद के सभागार में मीटिंग हुई है। बैठक में मंत्री ने बताया कि सरकार का जो भी कार्य अधूरा है, उस कार्य की जांच कर जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

सरकार सब काम कर रही है।मंत्री ने राजद पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजद ने क्या किया है, हमारे लोगों ने उन्हें भी 15 साल देकर सरकार दिया। ये लोग हमेशा जात-पात की बात करते हैं। हमेशा परिवारवाद की बात की जाती है। कभी माई का समीकरण, कभी जाति का समीकरण बनाकर लोगों से वोट लेते रहे।

नीतीश कुमार ने कभी भी नहीं किया परिवारवादनीतीश कुमार ने कभी भी परिवारवाद नहीं किया है। नीतीश कुमार सभी धर्म का सम्मान करते हैं।आज मुस्लिम समाज से लेकर सभी समाज का NDA ने सोचा है और नीतीश कुमार विकास कर रहे हैं। अगर किसी भी धर्म के लोगों को दुख होता है, तो नीतीश कुमार को भी दुख होता है।

बैठक में विकास और कल्याणकारी योजनाओं व जिले में विभिन्न कार्यों की गहन समीक्षा की गई। इस बैठक में जिला स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में कृषि के अंतर्गत विभिन्न कार्यों की समीक्षा डीजल अनुदान, यंत्र क्रय विक्रय, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान योजना आदि की समीक्षा की गई है।

पटना में नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा है। तेजस्वी ने बिहार की एनडीए सरकार से ट्वीट कर पांच सवाल पूछे हैं। उन्होने नीतीश की संवाद यात्रा पर भी सवाल खड़े किए हैं। पुलिस लाठीचार्ज को निंदनीय, आपत्तिजनक और बर्बरतापूर्ण बताया है।

आपको बता दें बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज में कई छात्रों को चोटें आई हैं।तेजस्वी यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पटना में BPSC अभ्यर्थियों पर बिल्कुल ही निंदनीय, आपत्तिजनक एवं बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज हुआ है, जो भाजपा-नीतीश सरकार के अहंकार और अफसरशाही के तानाशाही का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री 𝟐𝟐𝟓 करोड़ की तथाकथित दिखावटी ‘संवाद’ यात्रा पर निकलने से पूर्व यह जवाब दें कि क्या बिहार के वर्तमान व भविष्य, बिहार के विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करना उनके एवं उनकी अनेक दलों की सरकार के लिए कठिन है? क्या आयोग द्वारा स्पष्टीकरण देना उनकी शान के खिलाफ है?नेता प्रतिपक्ष ने आगे पूछा कि क्या सर्वर की खामी को स्वीकारते हुए फॉर्म भरने के अवसर को दोबारा उपलब्ध करवाना असंभव है? क्या पेपरलीक एवं कदाचार मुक्त परीक्षा की मांग करना अनुचित है? आयोग व सरकार के रवैये को देख क्या अभ्यर्थी यह मान लें कि यह परीक्षा औपचारिकता मात्र है? आपको बता दें बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग नॉर्मलाइजेशन को वापस लेने की है।

छात्रों के इस आंदोलन को अब खान सर और गुरु रहमान का भी पूरा साथ मिल रहा है। वो भी छात्रों के इस प्रदर्शन में कूद गए हैं।बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि, “13.12.2024 (शुक्रवार) को आयोजित की जाने वाली एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा में Normalization प्रक्रिया अपनाये जाने संबंधित भ्रामक खबरें विभिन्न सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर चलायी जा रही है। आयोग स्वयं हतप्रभ है कि Normalization की प्रक्रिया अपनाये जाने सम्बन्धी भ्रामक खबर कैसे एवम् कहाँ से उत्पन्न हुआ है, जबकि Normalization अपनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव ही नहीं था।आयोग द्वारा उक्त परीक्षा में Normalization प्रक्रिया अपनाये जाने संबंधी काल्पनिक अफवाह कतिपय कोचिंग संचालकों एवम् स्थानीय छात्र नेताओं द्वारा अभ्यर्थियों को दिग्भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया गया है”।

आयोग ने कहा कि “इस संबंध में स्पष्ट करना है कि एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) इस संबंध में स्पष्ट करना है कि एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा हेतु प्रकाशित विज्ञापन के किसी कण्डिका में इस परीक्षा हेतु Normalization अपनाने का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही उसके बाद आयोग स्तर से उक्त परीक्षा Normalization प्रक्रिया से कराने की सूचना प्रकाशित की गई है।अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि उक्त परीक्षा का आयोजन पूर्व निर्धारित तिथि 13.12.2024 (शुक्रवार) को एकल पाली में (12:00 बजे मध्याह्न से 02:00 बजे अपराह्न तक) आयोजित की जायेगी, जिसमें Normalization जैसी कोई प्रक्रिया अपनाने का प्रस्ताव नहीं है”।बीपीएससी की तरफ से कहा गया कि “आयोग द्वारा उक्त परीक्षा के लिये विज्ञापन का प्रकाशन दिनांक 23.09.2024 को किया गया था, जिसमें ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ करने की तिथि 28.09.2024 से 18.10.2024 निर्धारित की गयी थी। तत्पश्चात् अभ्यर्थियों की माँग एवम् उनके हित को देखते हुये ऑनलाइन आवेदन की तिथि को विस्तारित करते हुये 04.11.2024 तक की गयी थी।

आयोग हमेशा से अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुये कदाचाररहित तरीके से परीक्षाओं का आयोजन करता आया है, जिसके लिये कई आवश्यक सुधारात्मक कदम भी उठाये गये है, जिसमें Multiset Paper तैयार करना भी उसी का एक अहम हिस्सा है, जिसमें से परीक्षा का आयोजन किसी एक सेट से कराया जायेगा। अभ्यर्थी उक्त परीक्षा के लिए तैयारी करें और शांतिपूर्ण रूप से परीक्षा में भाग लें”।

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