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JDU के ‘राजधर्म’ वाली सीख ने सियासत मै मचाया बवाल, बिहार को PM मोदी ने दिए 275 हजार करोड़’ -उप मुख्यमंत्री

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महाराष्ट्र में गुरुवार को महायुति सरकार का गठन हुआ. देवेंद्र फडणवीस ने सीएम तो एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण के मंच पर NDA का शक्ति प्रदर्शन भी दिखा. इस शपथ ग्रहण में बीजेपी और NDA शासित प्रदेशों के सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद रहे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भी इस शपथ ग्रहण में हिस्सा लिया.

नीतीश कुमार ने मंच पर गर्मजोशी से पीएम मोदी से मुलाकात की. हालांकि, चौंकाने वाली बात ये है कि जब मुंबई में इन दोनों नेताओं की मुलाकात हो रही थी तब बिहार में नीतीश की पार्टी जदयू बीजेपी को ‘राजधर्म’ की याद दिला रही थी.

ऐसे में सियासी गलियारों में कयासों और चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया.दरअसल, असम में हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने हाल ही में बीफ बैन कर दिया. असम सरकार के आदेश के मुताबिक, होटल-रेस्तरां और सार्वजनिक जगहों पर बीफ नहीं परोसा जा सकेगा. बीजेपी सरकार के इस फैसले का जदयू ने खुलकर विरोध किया.

केंद्र और बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, भारत का संविधान सबको खाने-पीने की आजादी देता है. होटल या सार्वजनिक स्थान पर बीफ बैन का हम समर्थन नहीं करते. इससे समाज में तनाव फैलेगा जो पहले से ही काफी ज्यादा है. इसके अलावा जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, लोगों को खाने-पीने की आजादी होनी चाहिए.

उन्होंने इस फैसले को राजधर्म के खिलाफ बताते हुए समझ से परे बताया. उन्होंने कहा, सरकार को इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए कि लोग क्या खा रहे हैं और क्या पहन रहे हैं?नीतीश कुमार की पार्टी जदयू समय समय पर बीजेपी के फैसलों का विरोध करती आई है. हाल ही में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के मुद्दे पर जदयू ने तटस्थ रुख अपनाया था.

हालांकि, कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट के फैसले का खुलकर विरोध किया था. इतना ही नहीं अब किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी जदयू ने बीजेपी से अलग रुख अपनाया है. जदयू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह से पूछा था कि किसानों से किए गए वादे पूरे क्यों नहीं कर रही सरकार? वैसे तो बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार कई बार खुले मंच से कह चुके हैं कि इस बार वे कहीं नहीं जाएंगे.

लेकिन बिहार की राजनीति में जितनी बार नीतीश कुमार ने पलटी मारी है, उससे यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि कब NDA से उनका मोह भंग हो जाए. जदयू द्वारा समय समय पर बीजेपी शासित प्रदेशों के फैसले पर सवाल उठाना भी एनडीए गठबंधन के लिए सही संकेत नहीं है. बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में जदयू किस पाले में रहकर चुनाव लड़ेगी इसका अंदाजा अभी से लगाना जल्दबाजी होगा. दिवसीय 13वें आइडीए बिहार स्टेट डेंटल कांफ्रेंस के दूसरे दिन राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कार्यक्रम का उदघाटन किया। यह आयोजन गोल्डन रिजॉर्ट रहीमपुर में किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से दंत चिकित्सकों ने भाग लिया।डेंटल कांफ्रेंस के मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, जबसे बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है तबसे हर क्षेत्र में विकास हुआ है।

आज राज्य के कई जिलों में मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं।वहीं कई जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है। इन मेडिकल कॉलेजों में दंत चिकित्सा को प्रमुखता दी गई है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा ऐसा क्षेत्र है, जहां पांच साल पढ़ने के बाद भी जीवन भर पढ़ना पड़ता है। इसमें लगाताक नई-नई चीजें सामने आती रहती है।जीवन में स्वस्थ रहने के लिए आपके दांत आपको संकेत देते हैं। उन्होंने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा, खगड़िया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां पूरे बिहार से दंत चिकित्सक आए हुए हैं, यह सौभाग्य की बात है।सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि खगड़िया में भी एक मेडिकल कॉलेज बनें।शनिवार कोराज्य को पांच टेक्नोलॉजी सेंटर मिले हैं।बिहार में मात्र 55,000 हजार करोड रुपये का सरकार का संसाधन हैं।सरकार के संसाधन सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों में ही खत्म हो जाएंगे।बिहार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 275 हजार करोड़ रुपये बिहार के विकास के लिए मिले हैं।उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ये भी कहा कि खगड़िया में भूमि नहीं मिलने के कारण कई विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। जहां भूमि उपलब्ध हो पा रही है, वहां निश्चित रूप से विकास कार्य चल रहे हैं।

बीते दिनों भी 10 करोड़ रुपये मां कात्यायनी स्थान के विकास के लिए दिए गए हैं।उन्होंने कहा कि खगड़िया का विकास तभी हो पाएगा जब फूड प्रोसेसिंग की बड़ी फैक्ट्रियां यहां लग पाएगी। जिले के विकास के लिए प्लानिंग करने की जरूरत है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन खगड़िया में ही बीता है। आगामी जनवरी माह में जिले में दो दिवसीय प्रवास करूंगा। खगड़िया के विकास के लिए पूरी तरह कृत संकल्पित हूं।इस मौके पर आइडीए के बिहार अध्यक्ष ड़ॉ. अरविंद खत्री, प्रदेश सचिव डॉ. कुमार मानवेंद्र, डॉ. नरेंद्र कुमार नाहर, डॉ. कुमार देवव्रत सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

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