Latestबिहारराज-नीति

जाने नीतीश कुमार के राजनीतिक किस्से, और जाने संजय झा ने नीतीश के हित में क्या कहा

Spread the love

नीतीश कुमार एक भारतीय राजनेता हैं. 2017 में उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राजद से नाता तोड़कर भाजपा के साथ एक और गठबंधन का नेतृत्व करते हुए, एनडीए में शामिल हो गए थे. नीतीश ने 2020 में सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने फिर एनडीए छोड़ दिया और महागठबंधन में शामिल हो गए, जिसका कांग्रेस और राजद पहले से ही हिस्सा हैं. 10 अगस्त 2022 को नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की आठवीं बार शपथ ली. राजद के नेता तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री का पद मिला है.

वह बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं (longest-serving CM of Bihar).एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोग से नीतीश कुमार मार्च 2000 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री (Bihar Chief Minister) चुने गए.

हालांकि, नीतीश ने सदन में अपनी बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया.साल 2004 में केंद्रीय रेल मंत्री (Union Railway Minister) के रूप में उनका कार्यकाल बेहद प्रभावशाली था, जिसके दौरान उन्होंने इंटरनेट टिकट बुकिंग प्रणाली और तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली की शुरुआत की. 2005 बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, नीतीश ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

नीतीश कुमार ने साल 2000 से 2005 तक बिहार के सीएम के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, सामाजिक न्याय और विकास, दोनों को अपना राजनीतिक विषय बनाया. इसके अन्तर्गत उन्होंने राज्य में साइकिल और भोजन कार्यक्रम शुरू किए (Bicycle and Meal programs).

साल 2010 में वे तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन के एक दिन बाद, उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. राजद और कांग्रेस के साथ 2015 बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद, उन्होंने बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली, लेकिन तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण ‘महागठबंधन’ टूटने के बाद, उन्होंने 26 जुलाई 2017 को महागठबंधन को समाप्त करते हुए इस्तीफा दे दिया.

जिनका जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर (Bakhtiarpur Bihar) में हुआ (Date of Birth).उनके पिता कविराज राम लखन सिंह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे, जबकि उनकी माता का नाम परमेश्वरी देवी है (Nitish kumar Parents). वह राजनीतिक संगठन जनता दल (यूनाइटेड) यानी जद(यू) (JDU) के नेता हैं. वे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना (National Institute of Technology Patna) के पूर्व छात्र हैं (Nitish Kumar Education)वही दूसरी और बिहार के मुजफ्फरपुर में कुछ दिनों पहले जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह (Lalan Singh) ने अल्पसंख्यकों के वोट को लेकर बयान दिया था.

एक बार फिर से बयानबाजी शुरू हो गई है. अब जेडीयू के राज्यसभा सांसद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बड़ा अल्पसंख्यकों को लेकर मैसेज दिया है. वे बीते रविवार (08 दिसंबर) को कटिहार में थे. यहां उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. इसके बाद पत्रकारों से बात भी की.संजय झा ने कहा नीतीश कुमार के 19 साल के ट्रैक रिकॉर्ड में बिहार में एक दिन भी कर्फ्यू नहीं लगा, इससे बड़ा ट्रैक रिकॉर्ड क्या होगा? एक दिन नवादा में दिन भर के लिए लगा था. 19 साल में उन्होंने सबके लिए काम किया. हम तो अपील करेंगे कि जो लोग वोट नहीं दिए वो एक बार अपना वोट देकर देखिए अगर लगा है कि नीतीश कुमार ने आपके लिए काम किया है.आपकी सेवा की है. अपनी आत्मा तो गवाही देगी न?’…तभी तो विपक्ष को वोट मिलता है’मुस्लिमों को लेकर पत्रकारों ने संजय झा से सवाल पूछा कि आपको लगता है कि वोट नहीं मिलता है? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं मिलता है तभी तो विपक्ष को वोट मिलता है.

बीजेपी के साथ होने पर मुस्लिम की नाराजगी को लेकर पूछने पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो काम किया है तो उस समय भी तो बीजेपी साथ थी जिनको वह लोग वोट दिए हैं. विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने उनके लिए क्या किया?पुराना हिसाब बराबर कर सकते हैं: संजय झासंजय झा ने कहा कि बिहार में जो बदलाव हुआ और 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनी तो बीजेपी साथ थी. जो भी काम हुआ तो दोनों ने मिलकर किया. फिर उन्होंने बात को दोहराते हुए कहा कि एक बार फिर कहते हैं कि जो लोग नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं वह एक मौका है 2025 में पुराना हिसाब बराबर कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *