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क्यों लालू यादव नीतीश पर करते है बार बार हमला, ऐसा क्या जानते है उनके बारे में

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 15 दिसंबर से महिला संवाद यात्रा शुरू होने वाली है. ताकि राज्य सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की जा सके और महिलाओं के साथ बातचीत के माध्यम से लोगों की नब्ज को महसूस किया जा सके. इस मामले में जेडीयू की तरफ से पहले ही मीडिया को जानकारी दे दी गई थी. नीतीश के इस यात्रा को बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ‘आंख सेंकने वाली यात्रा बता दिया है. लालू ने कहा है कि नितीश इस यात्रा के बहाने ‘आँख सेकने’ जा रहे हैं. बिहार में ‘आँख सेकना’ एक मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल होता है, जिसका मतलब होता है किसी महिला को ताड़ना या निहारना.. हालांकि इसमें बुरी नज़र से देखना शामिल नहीं है.. इसके बावजूद लालू जैसे नेता के जरिये बिहार के मुख्यमंत्री को लेकर दिए गए इस बयान पर घमासान मच गया है. 

यह कोई पहला मौका नहीं है जब लालू प्रसाद यादव नितीश पर इस तारक का बयान दे रहे हों. लालू और नितीश दोनों जेपी आन्दोलन से निकले नेता हैं और दोनों और पिछड़ों और अति पिछड़ों की बिहार में राजनीति करते हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे के विरोधी रहे हैं. हालांकि, भाजपा और मोदी लहर के डर से दोनों एक साथ महागठबंधन का हिस्सा बनाकर बिहार में तीन तीन बार गैर- भाजपा सरकार भी बना चुके हैं. लेकिन नितीश के पलटी मारकर भाजपा में चौथी बार शामिल होने के बाद से लालू प्रसाद यादव उनसे ख़ासा नाराज़ चल रहे हैं. हालांकि, इसके पहले भी वो नितीश को लेकर ऐसे बयान देते रहे हैं. लालू का दावा भी हैं कि नितीश कुमार को वो जितना अच्छे से जानते हैं पहचानते हैं, कोई दूसरा नेता नितीश को नहीं जानता होगा. लालू प्रसाद दबे जुबान नितीश कुमार के चरित्र पर भी सवाल उठाते रहते हैं… 

लालू के इस बयान के बाद बीजेपी और जेडीयू लगातार राजद और इंडिया गठबंधन पर हमला कर रहा है. बिहार के डिप्टी सीएम स्रमाट चौधरी ने भी इस बयान को महिला विरोधी बताया है. वहीं बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने इस बयान पर लालू प्रसाद पर हमला करते हुए कहा कि “केवल लालू प्रसाद ही नीतीश कुमार के बारे में ऐसी गलत बातें कह सकते हैं, जिसका खुद का जीवन दागदार रहा है, वह नीतीश कुमार पर टिप्पणी कर रहे हैं. वह एक स्वार्थी व्यक्ति हैं”

नीतीश कुमार बीच रास्ते में ही इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए थे. ऐसे में अब इंडिया गठबंधन की कमान राहुल गांधी के पास चली गई. लेकिन लोकसभा में मिली हार के बाद से इंडिया गठबंधन के कई नेताओं का राहुल गांधी से भरोसा कम होता गया और वह लोग किसी और वरिष्ठ नेता को इंडिया गठबंधन की कमान सौंपने की बात करने लगे. 

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि “वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे को चलाने की दोहरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं. एक निजी चैनल को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसे संभालने का काम मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर है. अगर वे इसे नहीं चला सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस इतना कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलना होगा” बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 15 दिसंबर से प्रस्तावित राज्यव्यापी यात्रा के बारे में पूछे जाने पर राजद सुप्रीमो ने कहा कि “वे अपनी आंखों को तरोताजा करने के लिए राज्यव्यापी यात्रा कर रहे हैं. राजद के नेतृत्व वाला गठबंधन 2025 में राज्य में सरकार बनाएगा” नीतीश कुमार 15 दिसंबर से राज्यव्यापी यात्रा ‘महिला संवाद यात्रा’ शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, ताकि राज्य सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की जा सके और महिलाओं के साथ बातचीत के माध्यम से लोगों की नब्ज को महसूस किया जा सके.

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