नीतीश कैबिनेट का आया बड़ा फैसला, पांच बार होगा सक्षमता परीक्षा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कुल 44 एजेंडों पर मुहर लगी. इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए. कैबिनेट की बैठक के बाद सबसे राहत भरी खबर शिक्षकों के लिए आई. इसके अलावा मीटिंग में प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 459 अतिरिक्त पदों के सृजन की भी मंजूरी दी गई. आंगनबाड़ी केंद्रों की बेहतरी के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है.
नीतीश कैबिनेट से विशिष्ट शिक्षक नियमावली को मंजूरी दे दी गई है. नियम लागू होते ही बिहार में अब 3 की जगह 5 सक्षमता परीक्षा होगी. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में कुल नियोजित शिक्षकों की संख्या 3 लाख 39 हजार 143 है. इसमें से सक्षमता-1 में 1 लाख 87 हजार 818 शिक्षक पास हुए हैं. 65 हजार 716 शिक्षक सक्षमता-2 में पास हुए थे. इसके बाद भी 85 हजार 609 शिक्षक बचे हुए हैं. ये सभी शिक्षक अब सक्षमता 3 की परीक्षा देंगे. इस दौरान अगर कोई शिक्षक किसी वजह से स्कूल का माहौल बिगड़ने की कोशिश करेगा, तो उसको उस विद्यालय से अलग ब्लाक में ट्रांसफर किया जाएगा. ऐसी स्थिति बनने पर उस शिक्षक को जिले से भी बाहर ट्रांसफर किया जा सकता है.
इसके अलावा जिन शिक्षकों की शिकायत अभिभावक करेंगे तो ऐसे स्थिति में शिक्षक को स्पष्टीकरण देना होगा और विभागीय जांच भी होगी. जांच में दोषी पाए जाने के बाद एक बार शिक्षक को वार्निंग दी जाएगी और फिर बाद में सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है.
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य, ऊर्जा, उद्योग, वित्त, राजस्व एवं भूमि सुधार, जल संसाधन, विधि और सामान्य प्रशासन समेत अन्य विभागों के कई अहम एजेंडों को भी मंजूरी दी गई. इस दौरान हाजीपुर-सुगौली नई रेल लाइन परियोजना के लिए मुजफ्फरपुर जिले में जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई. बिहार सरकार के इस फैसलों का उद्देश्य राज्य के विकास को गति देना और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है.