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IAS ऑफिसर जो 10th-12th में हो गई थी फेल, फिर पहली अटेम्प्ट में ही केडिया UPSC क्लियर

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राजकोट: एक कहावत जरूरी नहीं की अगर शुरुवात अच्छा न हो तो अंत भी अच्छा नहीं होगा इस मिसाल को सही साबित किया है गुजरात कैडर की 1991 बैच की आईएएस अ​धिकारी और वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव कृ​षि डॉ. अंजू शर्मा ने अपनी मेहनत, लगन और लक्ष्य के प्रति एकाग्रता की मदद से.

मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली डॉ. अंजू 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में अपनी ही गलतियों की वजह से फेल हो गईं. लेकिन उन गलतियों से सीख लेकर अपने में सुधार किया और पहले कॉलेज में मेडल जीतकर अपनी काबिलियत का सपूत दिया. फिर महज 22 साल की उम्र में पहले अटेम्प्ट में इस देश की सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बन गईं. वह मानती है कि छोटी-छोटी सफलता अंतिम नहीं होती. इन विफलताओं से सीखकर और जरूरी बदलाव के साथ सही रास्ता अपनाकर लक्ष्य की ओर बढ़ने से सफलता जरूर मिलती है.
गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी डॉ. अंजू ने 1991 में राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने गांधीनगर समेत कई जिलों में कलेक्टर व अन्य अहम जिम्मेदारियां निभाई. इसके बाद वह विशेष सचिव, फिर सचिव, प्रमुख सचिव और अब अतिरिकत मुख्य सचिव के पद पर पहुंच चुकी हैं.

जानिए अंजू का इस मामले में क्या कहना है

अंजू कहती हैं कि अगर सचमे आप कुछ करना चाहते है और आगे बढ़ना चाहते है तो यह लास्ट मिनट की पढ़ाई पर यकीन न करे. किसी को भी परीक्षा में बैठने के लिए लास्ट मिनट या आखिरी समय में तैयारी पर डिपेंड नहीं रहना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि तब तैयारी को चक्कर के साथ-साथ रिवीजन करने का मौका कम होने की वजह से रिस्क ज्यादा रहता है. 10वीं और 12वीं की इन्हीं गलतियों की वजह से मिली सफलता के चलते उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए सही रणनीति बनाकर पढ़ाई की और आईएएस टॉप स्कोरर बन गईं.

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