महिला संगठनों ने मिलकर मनाया महिला हिंसा प्रतिरोध दिवस
रांची: आदिवासी वीमेंस नेटवर्क (एडब्ल्यूएन), नारी शक्ति, जोहार एवं अन्य महिला संगठनों ने सोमवार को महिला हिंसा प्रतिरोध दिवस मनाया. कार्यक्रम दो सत्र में हुआ. पहले सत्र में कंट्री रिपोर्ट पर चर्चा और समीक्षा एक्सआइएस में हुआ. दूसरे सत्र में अलबर्ट एक्का चौक पर 16 दिवसीय लैंगिक हिंसा प्रतिरोध पखवाड़ा शुरू हुआ, जो 10 दिसंबर तक चलेगा.
इस दौरान लैंगिक मुद्दों पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. साथ ही लोगों को जागरूक किया जायेगा. इस कार्यक्रम में श्रावणी ने कहा कि महिलाओं की स्वशासन व्यवस्था और निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी बढ़े, उसके लिए जरूरी है कि समुदाय में जागरूकता का प्रसार हो. एलिना होरो ने कहा कि राज्य में महिला हिंसा पर रोकथाम अभियान एक अवसर है.
हम महिला हिंसा के खिलाफ सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा सकते हैं. झारखंड महिला आयोग को सक्रिय करने और महिला नीति जरूरी है ताकि महिलाओं के साथ भेदभाव और अन्याय न हो. सुनीता मुंडा ने कहा कि हिंसा के खिलाफ महिलाओं को अपनी चुप्पी तोड़नी होगी. सुषमा बिरुली ने कहा कि गांवों में बाल विवाह की वजह से किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. इसे रोकने के लिए पखवाड़े में जागरूकता कार्यक्रम किये जाने की जरूरत है. रोज खाखा ने कहा कि बच्चे परिवार से ही पहली नैतिक शिक्षा लेते हैं और अच्छी-गलत बातों को समझते हैं. समाज को हिंसा मुक्त बनाने की दिशा में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
इस अवसर पर रिया पिंगुआ, ज्योति कुजूर, रेजिना, बेला जराई, मारग्रेट मिंज, इवा बिनीत, सीरत, बिलकन डांग, प्रियांश सहित अन्य लोगों ने अपनी बातें रखी. रांची. आदिवासी वीमेंस नेटवर्क (एडब्ल्यूएन), नारी शक्ति, जोहार एवं अन्य महिला संगठनों ने सोमवार को महिला हिंसा प्रतिरोध दिवस मनाया. कार्यक्रम दो सत्र में हुआ. पहले सत्र में कंट्री रिपोर्ट पर चर्चा और समीक्षा एक्सआइएस में हुआ. दूसरे सत्र में अलबर्ट एक्का चौक पर 16 दिवसीय लैंगिक हिंसा प्रतिरोध पखवाड़ा शुरू हुआ, जो 10 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान लैंगिक मुद्दों पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. साथ ही लोगों को जागरूक किया जायेगा.
इस कार्यक्रम में श्रावणी ने कहा कि महिलाओं की स्वशासन व्यवस्था और निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी बढ़े, उसके लिए जरूरी है कि समुदाय में जागरूकता का प्रसार हो. एलिना होरो ने कहा कि राज्य में महिला हिंसा पर रोकथाम अभियान एक अवसर है. हम महिला हिंसा के खिलाफ सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा सकते हैं. झारखंड महिला आयोग को सक्रिय करने और महिला नीति जरूरी है ताकि महिलाओं के साथ भेदभाव और अन्याय न हो.