शीतकालीन सत्र में विपक्षी द्वारा किए गए हमलों मै आखिर क्यों चुप रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र पांच दिन तक चला. इस दौरान कुल 5 विधेयक के साथ सप्लीमेंट्री बजट पास कराए गए. इस सत्र की खास बात ये रही कि पूरे सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद रहे. सदन में विपक्ष की ओर से काफी हंगामा किया गया.
एक समय तो ऐसा भी आया जब राजद विधायक हंगामा करते हुए मुख्यमंत्री के बैठने के स्थान तक पहुंच गए थे. तब मार्शलों ने राजद विधायकों को वहां से खींचकर हटाया था. इतना हो-हल्ला होने के बाद भी मुख्यमंत्री एकदम खामोश रहे. जबकि इससे पहले इन हरकतों पर मुख्यमंत्री को गुस्सा आ जाता था.
सीएम नीतीश कुमार के ऐसे व्यवहार पर सियासी अटकलबाजी जारी है.इस पर बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोलने में कम और काम करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं, उनकी दूरदर्शिता और कर्तव्य निष्ठा का परिणाम है कि आज विपक्ष के जंगल रात से बिहार बाहर निकाल कर विकाश के पद पर अग्रसर है.
इस मामले में जेडीयू विधायक रिंकू सिंह ने कहा मुख्यमंत्री काम पर विश्वास करते हैं. वह अपने काम के आधार पर ही बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में जाने जाते हैं. उनके चुप रहने का ये मतलब नहीं होता है कि विपक्ष की वजह से चुप थे.वहीं इस पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा विपक्ष ने सरकार से जो सवाल पूछे थे, सरकार के पास कोई जवाब नहीं था.
यही वजह थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन रहे. उधर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ स्नेहाशीष वर्धन पाण्डेय ने कहा कि सदन में विपक्ष ने लगातार जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाया गया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार चुप्पी साधे रहे. ये बताने के लिए काफी है कि उनके हाथ से सत्ता जा चुकी है और उनके दल के द्वारा उन पर दबाव बनाया गया है.मुख्यमंत्री की इस चुप्पी पर सियासी गलियारों में भी चर्चा हो रही है. सदन में तेजस्वी यादव से इशारों में बात हुई.
इसके बाद राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार दोनों तरफ के माई बने रहते हैं. इन सारी घटनाओं को देखते हुए लग रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव में कुछ तो चल रहा है. हालांकि, नीतीश कुमार हर मंच से कहते रहे हैं कि उनसे दो बार गलती हो चुकी है. सियासी जानकारों का कहना है कि जो गलती दो बार हो चुकी है, वह आगे भी हो सकती है.