बिहार में नशे की लत से बच्चों को बचाने की चलाई जा रही है अभियान
कम उम्र के बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिए समाज कल्याण और श्रम संसाधन विभाग का संयुक्त अभियान चलेगा. राज्य सरकार नशे की लत में रहे बाल श्रमिकों का इलाज नशामुक्ति केंद्र में करायेगी, जिसकी शुरुआत जिलों में हो गयी है. अशिक्षा व गरीबी के कारण नशे में लिप्त बाल श्रमिकों की पहचान की जा रही है. उन्हें नशामुक्ति केंद्र तक पहुंचाया जायेगा.
इसके लिए अगले माह से सख्ती से यह अभियान राज्य भर में चलाया जायेगा. अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है कि नशामुक्ति केंद्र से बाहर निकलने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाये. इसको लेकर अधिकारी बच्चों के माता-पिता की काउंसेलिंग भी करेंगे, ताकि दोबारा से बच्चे नशा में लिप्त नहीं हो.
इस अभियान में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी जोड़ा जायेगा. रेलवे पुलिस के माध्यम से रेलवे स्टेशन एवं उसके आसपास रहने वाले बच्चों की विशेष निगरानी की जायेगी. यहां के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए एनजीओ की सहायता ली जायेगी.सभी रेल, रेलवे स्टेशनों पर मानव व्यापार संबंधी गतिविधियों पर नजर रखना तथा इस कार्य में लिप्त लोगों पर हर तरह की कड़ी कार्रवाई एवं बच्चों का पुनर्वास होगा.