नीतीश, उपेन्द्र और तेजस्वी मिलकर सियासत को देंगे नया मुकाम, क्या है इनका दिसंबर प्लान
पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इसलिए समर्थकों को एकजुट करने के लक्ष्य के साथ यात्राएं शुरू हो रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की यात्रा 15 दिसंबर से शुरू हो रही है। वह मुख्यत: महिला मतदाताओं पर केंद्रित है। इसे महिला संवाद यात्रा का नाम दिया गया है।विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की यात्रा चार दिसंबर से शुरू हो रही है। वे प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। तेजस्वी की यात्रा का यह तीसरा चरण होगा।झारखंड विधानसभा चुनाव के कारण उनकी यात्रा स्थगित हो गई थी। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी यात्रा पर हैं।हर साल यात्रा पर निकलते थे नीतीश कुमारमुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सत्ता और राजनीति में यात्राओं का बड़ा योगदान रहा है।सत्ता के पहले दौर 2005-10 के बीच वह हर साल यात्रा पर निकलते थे।बाद के दिनों में भी उनकी यात्राएं हुईं, लेकिन उनकी निरंतरता नहीं बनी रही।यात्राओं के दौरान मुख्यमंत्री आम जनता की जरूरी कठिनाइयों को करीब से देखते थे।नीतियां बनाकर उनका निदान करते थे। नीतीश सरकार की अधिसंख्य जन कल्याणकारी योजनाएं इन्हीं यात्राओं से प्रेरित हैं।15 दिसंबर से प्रारंभ हो रही उनकी यह यात्रा महिलाओं पर केंद्रित है। वह उनसे संवाद करेंगे।कठिनाइयों के बारे में पूछेंगे। फिर उस हिसाब से योजना बनाएंगे।इस क्रम में नीतीश केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे।विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपनी यात्रा में आम लोगों के बदले प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं से संवाद करते हैं। इनमें राजद के पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के पदाधिकारी और विधायक-पूर्व विधायक शामिल होते हैं।तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के पास उस जिले के सभी मतदान केंद्रों का पिछले चुनाव के दौरान पड़े वोटों का लेखा-जोखा रहता है।वे कार्यकर्ताओं से पूछते हैं कि उनके इलाके में पार्टी की जीत कैसे होगी। योजना यह है कि कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार विधानसभा चुनाव की योजना बनाएं।एनडीए के पक्ष में अभी से माहौल बनाएंगे उपेंद्र कुशवाहाराष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की यात्रा का उद्देश्य राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के समय के अपने कार्यकर्ताओं के अलावा नए लोगों को मोर्चा से जोड़ना है। रालोसपा का जदयू में विलय हो गया था।अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा का गठन किया। वह अपनी यात्रा में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों के नाम पर अगले विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।