चिराग ने नीतीश को लेकर क्या कहा? और योगी के साथ गुस्से में और शाह के साथ हंसते हुए क्यों नजर आए नीतीश कुमार,
जमुई से लोजपा (रामविलास) सांसद अरुण भारती ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि हो न हो यात्रा के बीच में ही कहीं वो सिंगापुर न चले जाएं। उन्होंने अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा ये तो जनता तय करेगी, लेकिन विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
सांसद गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र के एक दिवसीय दौरा पर जमुई पहुंचे थे।पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर तैयारियों में जुट गई है। लोजपा (आर) की विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी नव संकल्प कार्यक्रम अभियान के तहत नुक्कड़ सभाएं, जनसभा और रैलियों का आयोजन करेगी।
पार्टी का यह कार्यक्रम भागलपुर से प्रारंभ हो चुका है। नव संकल्प अभियान के तहत पहला मिलन समारोह भी प्रारंभ हो चुका है। अब लोग लगातार हर जिले में प्रवास करेंगे। गुरुवार से प्रवास कार्यक्रम शुरू हो रहा है जिसमें गया जिले की समीक्षा होगी। उसके बाद नवादा, नालंदा, जहानाबाद तथा अरवल में कार्यक्रम होगा। चुनाव को लेकर रणनीति तय की जाएगी।
इन कार्यक्रमों के दौरान कई विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार को भी चिन्हित किया जाएगा।बिहार विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर लोजपा (आर) चुनाव लड़ेगी, इसको लेकर सांसद ने कहा कि गठबंधन में जो भी सीटें तय होगी, उसके हिसाब से निर्णय होगा।15 दिसंबर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा को लेकर विपक्ष के सवाल को लेकर कहा कि सवाल कौन उठा रहा है, यह भी देखिए, जिनके ऊपर पहले से घोटाले का आरोप लगा हुआ है।
जिनके ऊपर केस हो रखे हैं। एक मुख्यमंत्री की अपनी योजनाओं को, जो राज्य में लाते हैं, वह योजनाएं धरातल पर कहां तक उतरी है, उसके क्या फायदे हैं, जनता को इस बारे में कितना पता है, अगर मुख्यमंत्री इसकी समीक्षा कर रहे हैं तो इसका स्वागत होना चाहिए। उनकी जो योजनाएं हैं, कहां तक सफल है या कुछ बदलाव करने की जरूरत है, कहां तक जनहित में है और क्या फायदा हुआ है।
इसको जानना मुख्यमंत्री का दायित्व है।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की यात्रा को लेकर अरुण भारती ने कहा कि तेजस्वी बिहार की यात्रा पर निकले हैं, सिंगापुर या दुबई नहीं गए हैं, अच्छा है। जनता के बीच में जाना चाहिए, उनकी भी अपनी आगे के भविष्य की जनहित को लेकर जो कार्यक्रम है, वह जनता को बताना चाहिए। कहां तक सार्थक रह पाते हैं। कहीं ऐसा न हो की बीच में इस यात्रा को लेकर सिंगापुर चल जाएं। उन्होंने कहा कि जनता के बीच उन्हें रहना चाहिए।
उनकी बातों को सुनना चाहिए, उनके मुद्दे को उठाना चाहिए। स्वागत योग्य है कि नेता प्रतिपक्ष इस बार सत्र में उपस्थित थे।देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम बने। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई में हुआ। इस मौके पर पीएम मोदी, अमित शाह योगी आदित्यनाथ, नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान सबकी नजर नीतीश कुमार पर टिकी रही। शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार अलग-अलग तेवर में नजर आए। कभी वे मुस्कुरा रहे थे, तो कभी सिरियस नजर आ रहा थे।
बिहार की सियासत में सबसे अधिक चर्चा ‘अगल-बगल’ पर हो रही है।दरअसल, मुंबई में एक भव्य समारोह में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह उनका तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना है। इस बार उनके साथ दो डिप्टी सीएम हैं। एकनाथ शिंदे और अजित पवार। शपथ ग्रहण समारोह में राजनीति, बिजनेस, बॉलीवुड और क्रिकेट जगत की कई हस्तियां शामिल हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति इस समारोह की शोभा बढ़ा रही थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समारोह में मौजूद रहे।
दोनों नेताओं को मंच पर एक साथ बैठे देखा गया। इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म है।शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार के अगल-बगल दो मुख्यमंत्री बैठे थे। नीतीश कुमार के एक तरफ आंध्रपदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठे थे। यानी दोनों नेताओं के बीच में नीतीश कुमार बैठे थे। इस दौरान बिहार सीएम, योगी आदित्यनाथ से बात करते हुए नजर आ रहे थे। नीतीश कुमार योगी आदित्यनाथ से जब बात कर रहे थे, तब भी सिरियस नजर आ रहे हैं। अगर चुपचाप बैठे हैं, तब भी सिरियस दिख रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि दोनों नेताओं के बीच किस मुद्दे पर बात हुई कि नीतीश कुमार सिरियस होकर शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर मंथन कर रहे थे।ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार हर समय सिरियस नजर आए। जब मंच पर नेता आ रहे थे, और एक दूसरे से मुलाकात कर रहे थे, तो नीतीश कुमार मुस्कुराकर अभिवादन कर रहे थे। वहीं जब नीतीश कुमार का सामना गृहमंत्री अमित शाह से हुआ तो उनका बॉडी लैंग्वेज ही बदल गया। दोनों नेता ऐसे मिल रहे थे, मानो लंबे अर्से बाद दो रिश्तेदारों की मुलाकात हो रही हो।
नीतीश कुमार और अमित शाह, दोनों एक दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया और मुस्कुरा कर बात कर रहे थे। जब दोनों नेता बात कर रहे थे, तब बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मौजूद रहे।एक तरह से कहा जाए तो मुंबई से बीजेपी ने संदेश दे दिया कि अब अगला टार्गेट बिहार है। नीतीश कुमार को मंच भाव देकर ये भी संदेश दिया कि नीतीश कुमार ही बिहार में एनडीए के नेता हैं, साथ ही परोक्ष रुप से ये भी बताने की कोशिश किया कि अगर महाराष्ट्र जैसा बिहार में सियासी हालात होते हैं बीजेपी देवेन्द्र वाला दांव भी खेल सकती है।
शायद इसी बात को लेकर नीतीश कुमार मंच पर मंथन कर रहे थे। खैर नीतीश, योगी आदित्यनाथ के साथ सिरियस क्यों थे, ये तो वही बताएंगे लेकिन अगल -बगल बैठने पर बिहार में सियासत होगी। साथ ही बिहार बीजेपी के नेता ‘योगी मॉडल’ की बात तो करेंगे ही। बता दें कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव हो सकता है।